Friday, June 5, 2009

कम्बक्त दिल उन्हें इतना न याद कर कि कहीं खुदा नाराज़ न हो जाए ।
इतना याद खुदा को करले, कम से कम मौत के बाद जन्नत तो नसीब हो जाए ।

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